PF क्या होता है | PF अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं | What is Provident Fund in Hindi?

PF क्या होता है | PF अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं | What is Provident Fund in Hindi | Types Of PF account (PPE, EPF,NPS) | Gratuity क्या होता है?

पीएफ यानि की प्रोविडेंट फंड का मतलब होता है भविष्य निधि। भारत में हर इंसान छोटे या बड़े काम में लगा हुआ है।उसको उस काम से पैसा मिला है, उसका जिंदगी चल रहा है।अगर किसी भी कारण उसका काम या जॉब चला गया तो उसके पास कोई सिक्योरिटी नहीं रहेगा। या बुढ़ापे में काम या जॉब नहीं रहा तो वह बाकी जीवन बिताएं का कैसे, इसी विषय को सोचते हुए बनाया गया था पीएफ (PF) अकाउंट। यह एक प्रकार का गुल्लक होता है। ऐसे ही एक गुल्लक सरकार ने बनाया है जिसको कहते हैं प्रोविडेंट फंड (Provident Fund)। 

PF क्या होता है ? (What is PF)

प्रोविडेंट फंड एक तरह का खाता है, जो आपके अकाउंट से कुछ पैसे को ऑटोमेटिक काट के इसमें रख दिया जाता है। यह लॉन्ग टाइम के लिए एक सिक्योर अकाउंट होता है।प्रोविडेंट फंड को संक्षिप्त रूप में पीएफ (PF) भी कहा जाता है।

इस का काम होता हैं किसी जॉब ओनर के मंथली सैलरी से कुछ पैसा काटके प्रोविडेंट फंड अकाउंट में रखना। और बह जॉब ओनर जब रिटायर होता है तब उसे एक साथ या महीनो में इस पैसे को कुछ परसेंट इंटरेस्ट के साथ लौटा दिया जाता हैं। जिससे उसकी बाकी जीवन सिक्योर रहता है।

PF क्या होता है ? What is Provident Fund in Hindi?
तो आइए प्रोविडेंट फंड यानि की पीएफ अकाउंट क्या होता है इसके बारे में पूरी डिटेल्स के साथ जानते हैं।

PF अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं ? (What are the types of PF accounts)

अब जानते हैं यह पीएफ (प्रोविडेंट फंड) अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं। मूल रूप से पीएफ अकाउंट दो तरह की होती है। बह हैं -

  1. Employees Provident Fund (EPF)
  2. Public Provident Fund (PPF)

Employees Provident Fund (EPF) क्या होता है?

जो लोग नौकरी करते हैं उस लोगों के लिए जो प्रोविडेंट फंड है उसको बोलते हैं EPF यानी कि Employees Provident Fund। इसमें सिर्फ नौकरी करने वालों का ही अकाउंट होता है। दूसरा कोई यहां पर अकाउंट नहीं बना सकता। अगर किसी भी सरकारी या प्राइवेट कंपनी के 20 एम्प्लोयी हो जाते हैं तो उसे EPF में अकाउंट बनाना ही पड़ता है। इस प्रकार के प्रोविडेंट फंड भी दो तरह की होती है।

  • General Provident Fund (GPF)

जब कोई सरकारी नौकरी करने बाला अपने EPF अकाउंट में 12% से भी ज्यादा पैसा रखना चाहते हैं तब उसे कहते हैं General Provident Fund यानी कि GPF। केवल सरकारी नौकरी करने बाला ही इसे कर सकते हैं।

  • Voluntary provident fund (VPF)

और जब कोई प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी अपने EPF अकाउंट में 12% से भी ज्यादा पैसा रखना चाहते हैं तब उसे कहते हैं Voluntary Provident Fund यानी कि VPF। यह सिर्फ प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वालों के लिए ही होता है।

Public Provident Fund (PPF) क्या होता है?

और जो लोग नौकरी नहीं कर रहा है कोई छोटा दुकान या व्यवसाय चलाता है यानी कि पब्लिक है उसके लिए जो प्रोविडेंट फंड है उसको बोलते हैं PPF यानी कि Public Provident Fund। इस प्रोविडेंट फंड में कोई भी व्यक्ति अकाउंट बना सकते हैं ।       

ईपीएफ और पीएफ दोनों में क्या अंतर है ?                    

EPFPPF
यह प्रोविडेंट फंड किसी नौकरी करने वाले व्यक्ति को जमा करना ही पड़ता है।और यह प्रोविडेंट फंड ऑप्शनल है कोई चाहे तो इसमें पैसा रख सकता है।
इस प्रकार का प्रोविडेंट फंड में कोई भी एम्पलाई के सैलरी से 12% पीएफ रखा जाता है।और इस प्रोविडेंट फंड में कोई भी व्यक्ति 1 साल या महीना में 500 से 1.5 लाख रुपए तक रख सकता है।
इस प्रोविडेंट फंड में जो अकाउंट खुलता है वह EPFO में खुलता है।और पब्लिक प्रोविडेंट फंड सिर्फ बैंक और पोस्ट ऑफिस में खुलता है।
EPF में आपको 8 से 9% तक का ब्याज मिलता है।और PPF में आपको 7 से 8% तक का ब्याज मिलता है।
आप जब आपके नौकरी से रिटायर होंगे तब आपको इस प्रोविडेंट फंड से पैसा मिलेगा।और इस प्रोविडेंट फंड का पैसा 15 साल बाद दे दिया जाता है।

National Pension Scheme (NPS)क्या होता है?

यह भी एक ऐसा प्रोविडेंट फंड है जिसमें 18 से 65 साल के कोई भी भारतीय इसमें अकाउंट बना सकता है। National Pension Scheme को 2004 में बनाया गया था। इस प्रकार के प्रोविडेंट फंड में आपको 60 साल तक पैसा डालना है। उसके बाद आपको पैसा मिलेगा। 

आप इससे 5 साल बाद भी पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन आपको इसमें थोड़ा प्रॉब्लम होगा। इस प्रकार के प्रोविडेंट फंड थोड़ा रिस्क होता है। लेकिन इसमें जब आपको 60 साल बाद पैसा मिलता है तब आपको लगभग 10% का ब्याज मिल जाता है।

Gratuity क्या होता है?

मूल रूप से Gratuity का मतलब होता है बोनस का पैसा।अगर एक ही सरकारी नौकरी या कंपनी में कोई कर्मचारी 5 साल या उससे ज्यादा काम कर दिया है, ऐसे कर्मचारी को बोनस का पैसा दिया जाता है। 

साल जब खत्म होता है तब उस कर्मचारी को 15 दिन का एक्स्ट्रा पैसा या बोनस दे दिया जाता है। इस Gratuity एक्ट को 1972 में बनाया गया था। इस Gratuity निकलने का एक फार्मूला भी होता है वह है।

GRATUITY = ⤵⤵

(Salary + D.A)× 15 × कार्यकाल ÷ 26 दिन 

इस फॉर्मूला की मदद से किसी भी कर्मचारी का Gratuity निकाला जाता है। लेकिन Gratuity देने वाली कंपनी में 10 कर्मचारी होना चाहिए। और Gratuity लेने वाले कर्मचारी भारतीय होना चाहिए।

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